राष्ट्रपति भवन में स्थित मुगल गार्डन (Rashtrapati Bhawan Mughal Garden) का नाम अब अमृत उद्यान (Amrit Udyan) कर दिया गया है। शनिवार 28 जनवरी राष्ट्रपति के आदेश पर मुगल गार्डन का नाम बदला गया है। 15 एकड़ के विशाल विस्तार में फैले मुगल गार्डन को अक्सर राष्ट्रपति महल की आत्मा के रूप में चित्रित किया जाता है। बताया जा रहा है कि, अमृत महोत्सव के तहत मुगल गार्डन का नाम बदला गया है।
राष्ट्रपति की उप प्रेस सचिव नविका गुप्ता ने कहा, स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर मनाए जा रहे ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ पर भारत के राष्ट्रपति ने राष्ट्रपति भवन के बगीचों को ‘अमृत उद्यान’ के रूप में एक सामान्य नाम दिया है।
मुगल गार्डन का नाम बदलने के बाद भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘अमृतकाल में ‘गुलामी की मानसिकता’ से बाहर आने के क्रम में मोदी सरकार का एक और ऐतिहासिक फैसला, राष्ट्रपति भवन में स्थित “मुगल गार्डन” अब “अमृत उद्यान” के नाम से जाना जाएगा।”
मुगल गार्डन अपनी सुंदरता के लिए फेमस है। इसे देखने के लिए लाखों पर्यटक हर साल आते हैं। यहां 138 तरह के गुलाब, दस हजार से ज्यादा ट्यूलिप बल्ब और करीब 5 हजार मौसमी फूलों की प्रजातियां हैं। इस गार्डन को राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने जनता के लिए खुलवाया था। तब से हर साल बसंत ऋतु में इसे आम लोगों के लिए खोला जाने लगा।
अमृत उद्यान (मुगल गार्डन) इस वर्ष 31 जनवरी को खुलेगा और 26 मार्च तक दो माह तक के लिए खुला रहेगा। गार्डन खुलने का समय 10 बजे से शाम 4 बजे तक रहेगा। 28 मार्च को किसानों, 29 को दिव्यांगों, 30 मार्च को पुलिस और सेना के लिए यह विशेष रूप से खुलेगा। अमृत उद्यान (मुगल गार्डन) के लिए सुबह 10 बजे से 12 बजे तक 7500 लोगों के लिए टिकट मिलेगा। उसके बाद 12 से चार बजे तक 10 हजार लोगों को प्रवेश मिलेगा।
अमृत उद्यान 12 हिस्सों में बंटा है इसमें गुलाब उद्यान के साथ बायो डायवर्सिटी पार्क, हर्बल गार्डन, बटरफ्लाई, म्यूजिकल फाउंटेन, सनकीन गार्डन, कैक्टस गार्डन, न्यूट्रीशियन गार्डन और बायो फ्लूल पार्क है। जहां लोग घूमते हुए कई तरह के फूलों को देख सकते हैं।
राष्ट्रपति भवन स्थित अमृत उद्यान पर्यटकों के लिए आकर्षण का बड़ा केंद्र है। यहां पर ब्रिटिश और मुगल दोनों के उद्यानों की झलक मिलती है। इसे बनाने के लिए एडविन लुटियंस ने पहले देश-दुनिया के उद्यानों की स्टडी की थी। इस उद्यान में पौधरोपण में करीब एक साल का वक्त लगा था।