अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से अब तक 16 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है. करीब 40 लोग लापता और 50 से अधिक घायल हुए हैं. बादल फटने के बाद पहाड़ से आया सैलाब श्रद्धालुओं के लिए लगाए गए लंगरों समेत करीब 40 टेंट बहा ले गया.
सेना, एनडीआरएफ व एसडीआरएफ समेत आपदा प्रबंधन से जुड़ीं कई टीमें लगातार राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हैं। एक आधिकारी की ओर से यह जानकारी दी गई है. प्रशासन ने हादसे को देखते हुए फिलहाल यात्रा को रोक दिया गया है. पवित्र गुफा के पास रेस्क्यू पूरा होने और रूट की मरम्मत के बाद ही यात्रा शुरू हो सकेगी. हजारों लोगों को सुरक्षित स्थान और घायलों को एयरलिफ्ट कर अस्पताल पहुंचाया गया है.
अतुल करवाल ( DG, NDRF) ने बताया है कि 16 लोगों के मौत की खबर है और 40 के आसपास लोग लापता हैं. तड़के साढ़े 4 बजे तक रेस्क्यू का काम चला फिर बारिश के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन रोका गया वापस सुबह 6 बजे से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया. एनडीआरएफ के एक अधिकारी ने बताया कि रेस्क्यू दल ने अभी तक 16 शव निकाल लिए हैं.
पवित्र गुफा के ठीक सामने यात्रियों के लिए टेंट सिटी (यात्री शिविर) बनाई गई है. यहां एक टेंट में चार से छह लोगों के ठहरने की व्यवस्था है. तेज बहाव में आया पानी दर्जनों टेंटों को साथ बहा ले गया. हादसे के समय बारिश हो रही थी और ज्यादातर यात्री टेंट के भीतर थे. बाढ़ के साथ तीन लंगर और 40 के करीब टेंट बह गए। यात्रियों में भगदड़ के साथ चीख-पुकार मच गई.
पवित्र गुफा के एक-दो किमी के दायरे में फटा बादल
अमरनाथ गुफा के पास शुक्रवार शाम 5 बजकर 30 मिनट बादल फटा था. जिस समय बादल फटा, उस समय गुफा के पास 10 से 15 हजार श्रद्धालु मौजूद थे. इस घटना में मरने वालों में 3 महिलाएं भी शामिल हैं. ITBP ने बताया कि 15 हजार लोगों को पवित्र गुफा के पास से सुरक्षित पंचतरणी ले जाया गया है. बारिश से पूरे इलाके में तेजी से पानी भर गया और कई लोग इसकी चपेट में आ गए. कई श्रद्धालु लापता हैं और उनके तेज बहाव में बहने की आशंका है.