कोरोना की वजह से जिन लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा है, उनमें से करीब ४० लाख लोगों को मोदी सरकार राहत देने जा रही है। केंद्र सरकार के ताजा फैसले का फायदा केवल उन बेरोजगारों को मिलेगा, जो २४ मार्च से ३१ दिसंबर २०२० के बीच अपनी नौकरी से हाथ धो बैठे हैं। वर्कर्स एंप्लॉयी स्टेट इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन यानि ईएसआईसी के तहत रजिस्टर्ड लोग ही इस भत्ते का लाभ ले पाएंगे। श्वस्ढ्ढष्ट द्वारा संचालित अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना तहत बेरोजगारी भत्ता मिलता है। इसे अब ३० जून २०२१ तक के लिए बढ़ा दिया गया है।
पात्रता व शर्तेंइस योजना का फायदा केवल उन्हीं कर्मचारियों को मिलेगा जो ईएसआई स्कीम के साथ कम से कम दो सालों से जुड़े हैं। यानि १ अप्रैल २०१८ से ३१ मार्च २०२० तक इस स्कीम से जुड़े रहने वाले लोग इसके पात्र होंगे, जो इस दौरान १ अक्टूबर २०१९ से ३१ मार्च २०२० के बीच कम से कम ७८ दिनों तक कामकाज किए हों। ईएसआईसी ने गणना की है कि इस कदम से मार्च से दिसंबर २०२० की अवधि में कुछ ४१ लाख लोगों को लाभ होगा। बोर्ड के निर्णय के अनुसार, च्च्दावा सीधे ईएसआईसी शाखा कार्यालय में प्रस्तुत किया जा सकता है और नियोक्ता के साथ दावे का सत्यापन शाखा कार्यालय स्तर पर किया जाएगा। बैठक के एजेंडा नोट के अनुसार, भुगतान सीधे आईपी के बैंक खाते में किया जाएगा।”तीन महीने तक आधी सैलरीऐसे बेरोजगार लोगों को अधिकतम ९० दिनों (तीन महीने ) के लिए सरकार भत्ता देगी। वह तीन महीने के लिए औसत सैलरी का ५० फीसद क्लेम कर सकता है। इससे पहले यह सीमा २५ फीसद थी। पहले बेरोजगार होने के ९० दिनों के बाद इसका फायदा उठाया जा सकता था। फिलहाल के लिए इसे घटाकर अब ३० दिन कर दिया गया है। यह जानकारी लेबर ऐंड एंप्लॉयमेंट मिनिस्टर संतोष गंगवार ने दी है।ईएसआई के तहत करीब ३.५ करोड़ फैमिली यूनिट शामिलकोरोना काल में जिन लोगों की नौकरी बची है, उस पर अभी भी खतरा मंडरा रहा है। सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम से इंडस्ट्रियल वर्कर्स को बड़ी राहत मिली है। इससे करीब ४० लाख लोगों को राहत मिलेगी। बता दें किसी फैक्ट्री में १० या उससे ज्यादा मजदूर होते हैं, वहां यह स्कीम लागू होती है। उनकी सैलरी अगर २१ हजार तक होती है तो यह स्कीम लागू होगी। ईएसआई के तहत देश की करीब ३.५ करोड़ फैमिली यूनिट शामिल है, जिसके कारण करीब १३.५ करोड़ लोगों को कैश और मेडिकल बेनिफिट मिलता है