शिक्षक भर्ती घोटाले (Teacher Recruitment Scam) को लेकर विवादों में घिरे पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच का सामना कर रहे चटर्जी के खिलाफ उनकी पार्टी टीएमसी भी कोई बढ़ा कदम उठा सकती है. पार्थ चटर्जी को कैबिनेट से हटाने की मांग तेज होने लगी है.
अब तक केवल विपक्षी दल ही पार्थ चटर्जी को कैबिनेट से हटाने की मांग कर रहे थे लेकिन अब पार्टी के भीतर भी ये मांग उठने लगी है. पार्टी के महासचिव कुणाल घोष ने ट्वीट कर ऐक्शन की मांग की है. कुणाल घोष ने कहा, “पार्थ चटर्जी को मंत्री पद और पार्टी के सभी पदों से तत्काल हटा देना चाहिए. उन्हें निष्कासित करना चाहिए. अगर इस बयान को गलत माना जाता है, तो पार्टी को मुझे सभी पदों से हटाने का पूरा अधिकार है.”
कुणाल घोष ने रविवार को भी ट्वीट किया था, ‘यह मायने नहीं रखता कि कौन सा नेता है और किस पद पर है. यदि कानून की नजर में गलत पाया जाता है तो फिर पार्टी और सरकार की ओर से उसे बख्शा नहीं जाएगा. इस गिरफ्तारी ने विपक्ष को मुद्दा दिया है. यदि यह जांच लंबी चली तो ऐसा ही जारी रहेगा. हम मांग करते हैं कि जल्दी और समयबद्ध जांच हो जाए.’
पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी के बाद से ही टीएमसी बैकफुट पर नजर आ रही है. ममता बनर्जी या फिर किसी भी नेता ने पार्थ का बचाव नहीं किया है, लेकिन पार्टी के पदों या फिर मंत्री पद से हटाया भी नहीं गया है.
बता दें कि ईडी को बुधवार 27 जुलाई को पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी (Arpita Mukherjee) के ठिकानों से कुल 28 करोड़ 90 लाख रुपये और 5 किलो सोना बरामद हुआ था. अर्पिता ने ये सारा पैसा उनके बेलघरिया स्थित एक फ्लैट के टॉयलेट में छिपा कर रखा था. पांच दिन पहले ही ईडी को अर्पिता के फ्लैट से 21 करोड़ रुपये कैश बरामद हुए थे. जिसके बाद अर्पिता को 23 जुलाई को गिरफ्तार कर लिया गया था. बरामद की गई राशि शिक्षक भर्ती घोटाले से अपराध की आय होने का संदेह है. पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी को 3 अगस्त तक ईडी की हिरासत में भेज दिया गया है.