पट्टे पर दिए गए 674 भूखंडों को वापस लेनी की तैयारी, संस्थाओं को भाड़े पट्टे पर 80 साल पूर्व दी गयी थी भूमि
मुंबई-जिस तरह से महानगर में जमीनों के साथ घरों की कीमतें आसमान छू रही हैं उसको ध्यान में रखते हुए मनपा ने पिछले 80 सालों से खाली पड़ी अपनी ही उन जमीनों को अपने कब्जे में लेने का फैसला किया है जिन्हे किसी व्यक्ति, संस्था या संस्थाओं को पट्टे पर दिया गया है. इसके लिए मनपा कानून के अनुसार भाड़ा पट्टे पर दी गयी जमीनों को अपने स्वामित्व में लेगी। मनपा अपनी जमीन के भूखंडों को पट्टे से मुक्त कर उसका विकास करेगी। इस योजना से मनपा की तिजोरी में करोड़ो रूपये से अधिक की धनराशि जमा होगी।
मनपा सूत्रों के अनुसार सन 1937 के बाद लगभग 70 से 80 साल पहले मनपा के रिक्त पड़े भूखंड को पट्टे पर दिया गया था. अब उन जमीनों को मनपा अपने ताबे में लेने जा रही है. इस नीति के अनुसार भूखंडों के अधिकार में परिवर्तित करके उनके विकास का मार्ग प्रशस्त किया जाएगा। इस समय 674 खाली प्लॉट मनपा के रडार पर हैं। पट्टे पर दी गयी जमीनों में से ज्यादातर प्लॉटों में झुग्गी, झोपड़ियां बना ली गयी है।इसके अलावा कुछ भूखंडों पर भारी अतिक्रमण किया गया है, कुछ स्थानों पर जमीनों के किरायेदारों या उनके वारिसों का कोई अता पता नहीं है. कई जमीनें तो किसी तीसरे पक्ष के पास है। इनमें से कुछ भूखंडों पर विभिन्न आरक्षण भी शामिल हैं जिनके इन भूखंडों के विकास के लिए नगरपालिका ने अपनी नीति में कुछ सुधार किए हैं। योजना के अनुसार खाली पड़ी भूमि के पट्टों को पट्टों (मक्तया) में बदल दिया जाएगा। मनपा अधिकारी के अनुसार इससे इन भूखंडों के विकास में तेजी लाई जा सकती है. कुछ खाली पट्टे वाली जमीनों पर झुग्गियों का कब्जा है जिनमें से कुछ झुग्गियां संरक्षित हैं। इसके चलते ये भूखंड ‘स्लम पुनर्वास योजना’ के लिए पात्र मानी जाएंगी। यदि इन भूखंडों पर एक पुनर्वास योजना लागू की जाती है तो पात्र झुग्गी निवासी को 300 वर्ग फुट का फ्लैट मिलेगा। पात्र वाणिज्यिक झुग्गी (दुकान) निवासी को 250 वर्ग फुट का गाला मिलेगा। भूमि मालिक के रूप में पट्टेदार मनपा के स्वामित्व वाले कुल क्षेत्र के 25 प्रतिशत के प्रीमियम का हकदार होगा। विकास योजना, रिक्त भूमि पट्टे द्वारा दिए गए कुछ भूखंडों पर विकास नियंत्रण विनियमों के 33 (7) या 33 (9) के अनुसार कार्यान्वित की जा सकती है।यदि ऐसे भूखंडों पर निर्माण हुआ है तो निवासियों को मनपा के रिकॉर्ड पर निवासियों के रूप में पंजीकृत किया जाएगा। ये किरायेदार पुनर्विकास योजना के प्रावधानों के अनुसार फ्लैट या व्यावसायिक परिसर के लिए पात्र होंगे। इसके अलावा यदि पुनर्विकास के लिए खाली भूमि पट्टे के संबंध में नगरपालिका में पूंजी मूल्य लागू किया जाता है तो डेवलपर को मनपा को इसका भुगतान करना होगा।
अपात्रों को मुआवजा या कोई विकल्प नहीं
भूमि पट्टे पर दी गयी खाली जमीन के कुछ भूखंडों पर विभिन्न आरक्षण निर्धारित हैं। इसलिए उपयोगिता विभाग को सूचित किया जाएगा कि इन भूखंडों पर ‘खाली भूमि का पट्टा’ रद्द किया जाना चाहिए और उपयोगिता सुविधाएं विकसित की जानी चाहिए। ऐसे भूखंडों पर पात्र निवासियों को परियोजना प्रभावितों के साथ गाला प्रदान किया जाएगा। अयोग्य, अपात्र निवासियों को कोई मुआवजा या वैकल्पिक आवास नहीं मिलेगा।
हाल के पट्टे पर कोई निर्णय नहीं
कुछ खेल के मैदान, मनोरंजन के मैदान, मंडप, शेड, क्लब, कुछ पुराने धार्मिक स्थल मुंबई में बनाए गए हैं। इन निर्माणों के लिए मनपा द्वारा ‘खाली भूमि पट्टे’ पर दिए गए हैं। राज्य सरकार खेल के मैदान, मनोरंजन के मैदान, पार्क आदि पर एक नीति तैयार कर रही है। इसलिए मनपा द्वारा हाल ही में दिए गए ‘खाली जमीन के पट्टे’ भूखंडों के बारे में तुरंत कोई निर्णय नहीं लिया गया है।