कोरोना काल में पता चला महत्व
मुंबई। चिकित्सा शिक्षा मंत्री अमित देशमुख ने विभाग को निर्देश दिया है कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि सरकारी और निजी अस्पतालों में सेवारत नर्सों को कम से कम समान वेतन मिले।
मंत्री अमित देशमुख की अध्यक्षता में महाराष्ट्र राज्य बोर्ड ऑफ नर्सिंग और पैरामेडिकल एजुकेशन के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की एक बैठक हुई जिसमें चिकित्सा शिक्षा विभाग के सचिव सौरभ विजय, चिकित्सा निदेशक डॉ. तात्याराव लहाने, गवर्निंग काउंसिल के संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
इस अवसर मंत्री देशमुख ने कहा कि कोविड जैसे महामारी के समय देश और राज्य में डॉक्टरों के साथ-साथ नर्सों, पैरामेडिकल स्टाफ और स्वास्थ्य कर्मचारियों का महत्व देखा गया है। जिस तरह यह तय किया गया है कि भविष्य में कितने रोगियों के लिए एक डॉक्टर होना चाहिए, उसी तरह यह भी तय किया गया है कि कितने रोगियों के लिए एक नर्स होना चाहिए।
चिकित्सा शिक्षा विभाग को नर्सों के लिए न्यूनतम वेतन तय करना चाहिए। देशमुख ने आगे कहा कि वर्तमान में मुंबई और पुणे को छोड़कर महाराष्ट्र के कई दूरदराज और पहाड़ी क्षेत्रों में स्थित अस्पतालों में नर्सों की संख्या कम है। इसलिए आने वाले समय में बोर्ड को नर्सों की आवश्यकता पर एक रिपोर्ट तैयार करनी चाहिए और नर्सों के रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए भी प्राथमिकता देनी चाहिए।