महाराष्ट्र में बीएमसी चुनाव से पहले उद्धव ठाकरे को बड़ा झटक लगा है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से उन्हें फिट पटखनी खाने को मिली है। शिवसेना और पार्टी का प्रतीक धनुष और तीर शिंदे गुट के पास चला गया है। चुनाव आयोग ने यह आदेश दिया है।
चुनाव आयोग ने पाया कि शिवसेना का वर्तमान संविधान अलोकतांत्रिक है। बिना किसी चुनाव के पदाधिकारियों के रूप में एक गुट के लोगों को अलोकतांत्रिक रूप से नियुक्त करने के लिए इसे बिगाड़ दिया गया है। इस तरह की पार्टी की संरचना विश्वास को प्रेरित करने में विफल रहती है। उद्धव खेमे के संजय राउत ने आयोग के इस फैसले को लोकतंत्र की हत्या करार दिया है। उन्होंने कहा है इस फैसले को न्यायालय में चुनौती दी जाएगी।
पिछले साल एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत की थी। इसी के बाद से शिवसेना के दोनों गुट (एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे) पार्टी के सिंबल धनुष और तीर के लिए झगड़ रहे हैं। चुनाव आयोग ने इसी बाबत अपना आदेश दिया है। उसने अपने आदेश में कहा है कि पार्टी का नाम शिवसेना और उसका सिंबल धनुष और तीर एकनाथ शिंदे गुट के पास रहेगा।
आयोग ने इसका कारण भी बताया है। उसने कहा है कि पार्टी का संविधान लोकतांत्रिक नहीं है। बिना किसी चुनाव के पदाधिकारियों के रूप में एक गुट के लोगों को अलोकतांत्रिक तरीके से अपॉइंट करने के लिए इसे बिगाड़ा गया है। पार्टी का ऐसा स्ट्रक्चर विश्वास को प्रेरित करने में विफल रहता है।