मुंबई-कई महीनों के लंबे संघर्ष के बाद आखिर राज्य में कोरोना की रफ्तार धीमी करने में प्रशासन को सफलता मिली है. हालांकि अभी भी नए कोरोना मरीजों का मिलना जारी है लेकिन पहले के मुकाबले इसमें कमी आयी है. इसी कड़ी में सरकार ने निजी प्रयोगशालाओं में किए जाने कोरोना टेस्टिंग की दरों में एक बार फिर से संशोधन किया है. इसके चलते प्रति परीक्षण की लागत में 200 रुपये की कमी की गई है। निजी प्रयोगशालाओं को अब नए निर्धारित दरों के अनुसार अधिकतम 980 रुपये, 1400 रुपये और परीक्षणों के लिए 1800 रुपये का शुल्क देना होगा।
स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा है कि निजी प्रयोगशालाएं इससे अधिक शुल्क नहीं ले सकती हैं। 4,500 रुपये से लेकर 980 रुपये तक दर तय करके आम आदमी को राहत देने का प्रयास किया गया है।
कोरोना परीक्षणों की दरें तीन चरणों में निर्धारित की गई हैं. प्रयोगशाला में होने वाले परीक्षणों के लिए 980 रुपये का शुल्क लिया जाएगा। कोविड केंद्र, अस्पतालों, पृथकवास केंद्रों की प्रयोगशालाओं और रोगी के घर से नमूने एकत्र करने के लिए अधिकतम दर 1,400 और 1800 रुपये तय की गई है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने आम आदमी को केंद्र में रखकर दरों को कम करके मरीजों को राहत देने की लगातार कोशिश की है। राज्य कोरोना नियंत्रण के लिए परीक्षणों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. प्रति एक लाख आबादी पर 70,000 परीक्षण किए जा रहे हैं साथ ही उन्हें बढ़ाने के प्रयास भी किए जा रहे हैं। ताकि कोरोना पर अधिक नियंत्रण किया जा सके। स्वास्थ्य मंत्री ने जिला कलेक्टर और नगर आयुक्त से सतर्क रहने की अपील की ताकि मरीजों से राज्य भर में संशोधित दरों के अनुसार ही चार्ज लिया जाए।