दिल्ली के सुल्तानपुरी कंझावला हिट एंड रन केस को दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष ने CBI (केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो) के पास ट्रांसफर करने की मांग की है। उन्होंने दिल्ली पुलिस की जांच पर सवाल उठाते हुए कहा है कि “मैं दिल्ली पुलिस की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हूं। दिल्ली पुलिस ने हमें बताया कि उन्होंने अब तक निधि का फोन बरामद नहीं किया है। यह बहुत अहम सबूत है, मेरी समझ से परे है कि अब तक यह पुलिस के पास क्यों नहीं है?”
मालीवाल ने कहा है कि पुलिस ने अभी तक 13 किलोमीटर के सभी CCTV फुटेज की जांच नहीं की है और न ही सभी चश्मदीदों के बयान दर्ज किए हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि इस केस में अभी तक धारा 302 भी नहीं जोड़ी गई है। वहीं पुलिस को 2 बजे कॉल आया और उन्होंने 4 बजे एक्शन लिया। पुलिस हरकत में तब आई, जब 4 बजे कॉल कर उन्हें सड़क पर पड़ी लाश की खबर मिली।
चार दिन की हिरासत में भेजे गए आरोपी
वहीं इस मामले को लेकर दिल्ली की रोहिणी कोर्ट में आरोपियों की फिर से पेशी हुई. रोहिणी कोर्ट में पांचों आरोपियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया और पुलिस ने पांच दिन हिरासत की मांग की। हालांकि कोर्ट ने आरोपियों को 4 दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया। आरोपियों के खिलाफ 304, 120 बी, 201 धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। वहीं लोगों के गुस्से को देखते हुए सुरक्षा कारणों के इन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया।
पुलिस ने कोर्ट में बताया कि इस मामले की जांच को आगे बढ़ाना है. वहीं आरोपी मनोज के वकील ने कहा कि वो पीछे बैठा था उसका इस घटना में कोई रोल नहीं था। वहीं पुलिस ने कोर्ट में बताया कि आरोपी दीपक ने ड्राइवर बताया था पर वो गलत था. आरोपी डेड बॉडी के साथ करीब दो घंटे तक घूमते रहे हैं। इनका सीसीटीवी फुटेज पेट्रोल पंप और ढाबे से लिया गया है, जिसे कन्फर्म करना है। इसके साथ ही पुलिस ने कहा कि 2 और आरोपियों को गिरफ्तार करना बाकी है।
मामले में ताजा अपडेट
कंझावला मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि इस मामले में दो और लोग शामिल हैं, जिनकी तलाश चल रही है। यानी कुल 7 लोग इस मामले में शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इन दोनों लोगों की पहचान आशुतोष और अंकुश के तौर पर हुई है, जो कथित तौर पर आरोपियों को ‘‘बचाने की कोशिश’’ कर रहे थे। वहीं पुलिस ने इस बात से भी इनकार किया कि आरोपी और पीड़िता एक-दूसरे को जानते थे। पुलिस के मुताबिक आरोपियों के साथ किसी तरह की बातचीत या संपर्क का सबूत नहीं मिला है। पुलिस ने बताया कि 18 टीमें मामले की जांच कर रही हैं और हर पहलू पर गौर किया जा रहा है।