केरल के बहुचर्चित नन रेप केस (Franco Mulakkal rape case) में पूर्व बिशप फ्रेंको मुलक्कल को कोर्ट ने बरी कर दिया है। कोर्ट ने आज अपना फैसला सुनाया। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय एक के न्यायाधीश जी गोपाकुमार की अदालत में इस केस की सुनवाई हुई।
नन ने 28 जून, 2018 को पुलिस में मामला दर्ज कराया था कि 2014 से 2016 के बीच मुलक्कल ने उनका यौन शोषण किया था. वह तब रोमन कैथोलिक चर्च के जालंधर डायोसिस के बिशप थे। कोट्टायम जिले की पुलिस ने जून 2018 में ही बिशप के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज किया था. हाई कोर्ट के बाहर 5 नन्स के प्रदर्शन करने के महीनों बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की. नन ने इस संबंध में वेटिकल को भी पत्र लिखा था और केस में दखल देने की मांग की थी.
इस मामले में 83 गवाहों और 30 से अधिक सबूतों के आधार पर सुनवाई हुई थी। आरोपी पूर्व बिशप फ्रेंको मुलक्कल को 21 सितंबर, 2018 में अरेस्ट किया गया था और उन पर गलत तरीके से बंधक बनाने, बलात्कार करने, अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने और आपराधिक धमकी देने के आरोप लगाये थे। इस मामले में अप्रैल, 2019 को चार्जशीट दाखिल की गई थी। हालांकि 40 दिनों के बाद उन्हें जमानत मिल गई थी।
मामले में नवंबर 2019 में सुनवाई शुरू हुई, जो 10 जनवरी को पूरी हुई थी. अदालत ने प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को उसकी अनुमति के बिना मुकदमे से संबंधित किसी भी सामग्री को प्रसारित करने पर रोक लगाई थी.
इस हाईप्रोफाइल मामले की सुनवाई के दौरान शुक्रवार को कोट्टायम की अतिरिक्त सत्र न्यायालय (Kottayam Additional Sessions Court) में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। बिशप ने अपने ऊपर लगे आरोपों को मानगढ़ंत बताया था। कोर्ट से बरी होने के बाद फ्रैंको ने कहा-भगवान का बड़प्पन है।
जांच की निगरानी करने वाले एसपी एस हरिशंकर ने कोर्ट के फैसले पर हैरानी जाहिर की. उन्होंने कहा, ‘हम बिल्कुल अपील के लिए जाएंगे.’ उन्होंने कहा, ‘यह कहना गलत है कि पर्याप्त सबूत नहीं है. हम वाकई निराश हैं. हम अपील के लिए जाएंगे.’
2 साल में 14 बार किया रेप
पीड़िता ने पुलिस को बताया था कि फ्रेंको ने सबसे पहले 2014 में हिमाचल प्रदेश के एक गेस्ट हाउस में उसका यौन शोषण किया था। आरोपी ने 2 साल में 14 बार रेप किया। हालांकि 3 साल पहले पीड़िता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो चुकी है। इसके बाद यह मामला और गहरा गया।