नई दिल्ली, 10 जुलाई । शिवसेना के नाम और चुनाव चिह्न की लड़ाई सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न एकनाथ शिंदे को दिए जाने के खिलाफ उद्धव ठाकरे गुट की ओर से दायर याचिका सोमवार को चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष मेंशन किया गया। चीफ जस्टिस ने इस मामले पर 31 जुलाई को सुनवाई करने का आदेश दिया।
उद्धव गुट ने निर्वाचन आयोग के उस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिसमें शिंदे गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता दी गई है। याचिका में शिंदे गुट को धनुष-बाण चुनाव चिह्न आवंटित करने के निर्वाचन आयोग के फैसले को चुनौती दी गई है।
निर्वाचन आयोग ने 17 फरवरी को एकनाथ शिंदे गुट को असली शिवसेना करार दिया और धनुष बाण चुनाव चिह्न आवंटित कर दिया। आयोग ने पाया था कि शिवसेना का मौजूदा संविधान अलोकतांत्रिक है। निर्वाचन आयोग ने कहा था कि शिवसेना के मूल संविधान में अलोकतांत्रिक तरीकों को गुपचुप तरीके से वापस लाया गया, जिससे पार्टी निजी जागीर के समान हो गई। इन तरीकों को निर्वाचन आयोग 1999 में नामंजूर कर चुका था। पार्टी की ऐसी संरचना भरोसा जगाने में नाकाम रहती है।
निर्वाचन आयोग के इस आदेश के खिलाफ उद्धव गुट ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। धनुष-बाण चुनाव चिह्न बाल ठाकरे के समय से शिवसेना का चुनाव चिह्न रहा है।