शिवसेना नेता संजय राउत को फिर झटका लगा है। संजय राउत पर चल रहे मनी लाउंड्रिंग के मामले में अदालत ने न्यायिक हिरासत 14 दिन के लिए बढ़ा दी है. राउत जमानत याचिका पर अब 21 सितंबर को सुनवाई होगी। ईडी ने राउत को जुलाई महीने में गिरफ्तार किया था। तब से वह जेल में बंद हैं।
इससे पहले शिवसेना नेता संजय राउत को 5 सितंबर को कोर्ट में पेश किया गया था। तब अदालत ने 19 सितंबर तक उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा था। ऐसे में आज इस मामले पर फिर सुनवाई हुई और कोर्ट ने राउत की न्यायिक हिरासत को 14 दिनों के लिए बढ़ा दिया है। जिसके कारण उन्हें अब जेल में ही रहना पड़ेगा। पीएमएलए की एक विशेष अदालत ने सोमवार को शिवसेना नेता संजय राउत की न्यायिक हिरासत को 14 दिनों के लिए बढ़ाकर 3 अक्टूबर तक कर दिया।
फिलहाल राउत आर्थर रोड सेंट्रल जेल में बंद हैं। उन्हें 31 जुलाई को ईडी ने गिरफ्तार किया था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मुंबई के गोरेगांव इलाके में बनी ‘पात्रा चॉल स्कैम’ मामले में राउत को गिरफ्तार किया था.
ईडी ने पिछले हफ्ते चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें संजय राउत को आरोपी बनाया गया, जिसके बाद संजय राउत ने विशेष अदालत में अपनी जमानत अर्जी दाखिल की थी। इसमें उन्होंने तत्काल सुनवाई की मांग भी की थी। हालांकि उस वक्त कोर्ट के बिजी होने के चलते यह सुनवाई नहीं हो पाई थी।
2007 में सामने आया था पात्रा चॉल स्कैम
पात्रा चॉल स्कैम साल 2007 में सामने आया था। तब महाराष्ट्र हाउसिंग एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (MHADA) ने चॉल में रहने वाले परिवारों को स्थायी घर देने के लिए फ्लैट बनाकर देने की योजना शुरू की थी। यह काम गोरेगांव के सिद्धार्थ नगर में होना था। पात्रा चाल के पुनर्विकास का काम गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया गया था। म्हाडा की 47 एकड़ की जमीन में 672 घर बने हैं। कंपनी को साढ़े तीन हजार फ्लैट बनाकर देने थे। म्हाडा का प्लान था कि फ्लैट बनने के बाद जो जमीन बचेगी उसे बेच दिया जाएगा। हालांकि 14 साल के बाद भी कंपनी ने यहां फ्लैट नहीं बनाए। आरोप है कि गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन कंपनी ने म्हाडा के साथ धोखाधड़ी की और बिना फ्लैट बनाए ही जमीन बिल्डरों को बेच दी। इससे उसे 901 करोड़ रुपये से ज्यादा का मुनाफा हुआ।