पंजाब की कैप्टन सरकार पर संकट के बादल छाने लगे हैं. जानकारी के मुताबिक, सिद्धू खेमा पंजाब में तख्तापलट की बड़ी तैयारी कर रहा है. सिद्धू खेमे के कुछ नेताओ ने कैप्टन अमरिंदर सिंह पर वादे पूरे नहीं करने का आरोप लगाया है. कैप्टन के खिलाफ 30 विधायकों ने मोर्चा खोल दिया है, जिनमें कुछ कैबिनेट मंत्री भी शामिल हैं. ये सभी लोग कैप्टन अमरिंदर को सीएम पद से हटाने की मांग कर रहे हैं.
दरअसल, कैप्टन अमरिंदर सिंह को सीएम पद से हटाने के लिए सिद्धू गुट के 26 विधायक और 4 कैबिनेट मंत्री लामबंद हो गए हैं. सिद्धू खेमे के द्वारा नियुक्त किया गया 4 कैबिनेट मंत्रियों और एक विधायक का डेलिगेशन कांग्रेस आलाकमान से जल्द दिल्ली जाकर मुलाकात करेगा.
इस डेलिगेशन में कैबिनेट मंत्री सुख सरकारिया, तृप्त राजेंद्र सिंह बाजवा, सुखजिंदर सिंह रंधावा, चरणजीत सिंह चन्नी और विधायक परगट सिंह पांच नेता शामिल हैं, जो दिल्ली जाकर कांग्रेस आलाकमान से मिलकर पंजाब के मुख्यमंत्री सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह को बदलने की मांग करेंगे.
इस डेलिगेशन ने सीधे तौर पर कहा, ‘सीएम अमरिंदर पंजाब से जुड़े मुद्दों को सुलझाने और 2017 चुनाव में जनता से किए गए कांग्रेस पार्टी के वायदों को पूरा करने में विफल रहे हैं. दलितों और अन्य वर्गों से किए गए वायदे भी अमरिंदर सिंह ने पूरे नहीं किए हैं.’ नेतृत्व परिवर्तन और अन्य तमाम मुद्दों को लेकर इन पांच नेताओं का डेलिगेशन जल्द कांग्रेस आलाकमान से मुलाकात करेगा.
इस बैठक के दौरान किन मुद्दों पर फैसले लिए गए, यह स्पष्ट नहीं हो सका है लेकिन यह माना जा रहा है कि इस बैठक में एकत्र हुए सभी मंत्री और विधायक पहले भी कैप्टन का विरोध करते रहे हैं और शुरु से नवजोत सिद्धू के साथ दिखाई दिए हैं. यह भी जानकारी मिली है कि इस बैठक में हाईकमान से मिलने के लिए गठित कमेटी इसी मुद्दे को उठाने जा रही है कि कैप्टन के नेतृत्व में मौजूदा सरकार जनता से किए वादे पूरे नहीं कर सकी है और अगले चुनाव तक वादे पूरा कर पाना इस सरकार के लिए संभव नहीं होगा. इसके चलते कांग्रेस को अगले चुनाव में नुकसान हो सकता है.