पीएम मोदी शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए गुरुवार को समरकंद पहुंचे थे. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को समरकंद में 22 वें शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के सफल समापन के बाद देर रात नई दिल्ली पहुंचे. उज्बेकिस्तान के समरकंद में उन्होंने कई अहम द्विपक्षीय और बहुपक्षीय कार्यक्रमों की श्रृंखला में भागीदारी की.
समरकंद पहुंचने पर मेजबान देश उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शौकत मिर्जियोयेव ने पीएम मोदी का स्वागत किया और उज्बेकिस्तान के प्रधानमंत्री ने एयरपोर्ट पर उनकी आगवानी की. शिखर सम्मेलन के मौके पर, पीएम मोदी ने कई एससीओ सदस्य देशों के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं.
पीएम मोदी ने यहाँ रूसी राष्ट्रपति पुतिन से भी मुलाकात की. इस मौके पर राष्ट्रपति पुतिन ने अपने ही अंदाज में पीएम मोदी को एडवांस में जन्मदिन की बधाई भी दी. बता दें, आज 17 सितंबर को पीएम मोदी का जन्म दिवस भी है.
प्रधानमंत्री अपने इस 24 घंटे के दौरे के दौरान दुनिया को बड़ा संदेश देकर वापस लौटे. उन्होंने दुनिया को संदेश दिया है कि ये युग युद्ध का नहीं बल्कि कूटनीति का है, यानी बातचीत के जरिये हर मसले को सुलझाया जा सकता है. सम्मेलन से इतर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के साथ हुई द्विपक्षीय बैठक में भी मोदी ने इसी बात पर ही ज़ोर दिया.
पुतिन से हुई बातचीत में मोदी ने एक तरफ जहां भारत के हितों का पूरा ख्याल रखा तो वहीं, रुस को शांति के रास्ते पर आगे बढ़ने की सलाह देते हुए इशारा दे दिया कि अब उसे यूक्रेन के साथ युद्ध खत्म कर देना चाहिये, जिसमें पूरी दुनिया की ही भलाई है.
बता दें कि आठ देशों के प्रभावशाली एससीओ समूह का शिखर सम्मेलन ऐसे समय में हुआ, जब यूक्रेन पर रूस के हमले और ताइवान के खिलाफ चीन के आक्रामक सैन्य रुख के कारण भू-राजनीतिक उथल-पुथल मची हुई है, लेकिन पीएम मोदी ने तमाम ताकतवर देशों के नेताओं को युद्ध की बजाय बुद्ध के रास्ते यानी शांति के पथ पर आगे बढ़ने की दोटूक सलाह देने में कोई कोताही नहीं बरती.
समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के वार्षिक शिखर सम्मेलन से अलग वन टू वन मुलाकात में पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति से कहा कि आज दुनिया, खासकर विकासशील देशों के सामने सबसे बड़ी चिंता, खाद्य सुरक्षा, ईंधन सुरक्षा, उर्वरक की है. हमें इन समस्याओं के उपाय खोजने चाहिए और आपको भी इस पर विचार करना होगा.
दरअसल, पीएम मोदी रुस के अलावा चीन को भी ये संदेश देना चाहते थे कि वह ताइवान पर हमला करने की रणनीति को अंजाम देने की बजाय कूटनीति का सहारा ले. गौरतलब है कि इस साल फरवरी में शुरू हुए यूक्रेन संकट के बाद पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की ये पहली मुलाकात थी. एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, दोनों नेताओं की बातचीत में द्विपक्षीय मुद्दों के अलावा क्षेत्रीय और वैश्विक विषयों पर भी चर्चा हुई.
बैठक के बाद पीएम मोदी ने बातचीत को शानदार बताया. पीएम मोदी ने ट्वीट किया कि राष्ट्रपति पुतिन के साथ शानदार बैठक हुई. हमें व्यापार, ऊर्जा, रक्षा और अन्य क्षेत्रों में भारत-रूस सहयोग को आगे बढ़ाने पर चर्चा करने का अवसर मिला. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा भारत और रूस के बीच संबंध कई गुणा मजबूत हुए हैं. भारत और रूस के बीच संबंध कई गुणा बढ़ गए हैं. हम रिश्ते को महत्व देते हैं क्योंकि हम ऐसे दोस्त हैं जो कई दशकों से साथ रहे हैं. दुनिया जानती है कि भारत और रूस के किस तरह के संबंध हैं.