बिहार में जहरीली शराब पीने से मौत का तांडव जारी है. सारण जिले में कई लोगों की जहरीली शराब से मौत के बाद अब सीवान जिले में भी 5 लोगों की जहरीली शराब हो गई है। वहीं बेगुसराय जिले में भी जहरीली शराब से 1 व्यक्ति की मौत हो गई है। बिहार के जहरीली शराब कांड में छपरा समेत कई जिलों में मरने वालों की संख्या शुक्रवार (16 दिसंबर) को 59 तक पहुंच गई है.
बिहार में शराब पर पूर्ण प्रतिबंध होने के बावजूद जहरीली शराब पीने से अभी तक 59 मौत होने पर सियासत भी गर्म हो चुकी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विपक्ष में इस मुद्दे पर लगातार नोंकझोंक जारी है। इसको लेकर बिहार विधानसभा में लगातार तीसरे दिन हंगामा जारी है।
बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र में विपक्ष के हंगामें के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साफ कहा है कि जहरीली शराब से मरने वाले लोगों के परिवार को राज्य सरकार किसी तरह का मुआवजा नहीं देगी। सीएम ने कहा कि शराब पीकर मृत्यु पर हम उसे सहायता राशि देंगे? ये सवाल ही नहीं पैदा होता।
दरअसल सदन में बीजेपी (BJP) ने मांग की कि जहरीली शराब पीकर मरने वालों के परिजनों को सरकार मुआवजा दे, जिसपर नीतीश कुमार ने यह टिप्पणी की। बीजेपी समेत विपक्षी दलों ने सदन में जमकर हंगामा किया और सरकार से मुआवजे की मांग की। वहीं नीतीश कुमार ने एक बार फिर दोहराया कि जो पिएगा वो तो मरेगा
उन्होंने कहा, “जहां शराबबंदी नहीं है वहां भी मौतें हो रही हैं। बिहार में जहरीली शराब पीने से मरने वालों के परिजनों को मुआवजा नहीं देंगे। इसका तो प्रचार होना चाहिए ताकि लोग शराब न पिए। हम बापू (Mahatma Gandhi) के मार्ग पर चल रहे हैं। बीजेपी ने भी शराबबंदी का समर्थन किया था और पीएम (PM Modi) ने तारीफ की थी।”
उन्होंने कहा, “जहरीली शराब से होने वाली मौतों पर कोई संवेदना नहीं है। जो गड़बड़ पिएगा, वो तो मरेगा ही। जहरीली शराब से मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में भी मौतें होती हैं और वहां शराबबंदी नहीं है। बीजेपी ने शराबबंदी का समर्थन किया था। किसी भी धर्म में शराब पीना ठीक नहीं है।”
बिहार (Bihar) में जहरीली शराब पीने से होने वाली मौतों का आंकड़ा 58 पहुंच गया है। छपरा जिले में 53 लोगों की जहरीली शराब पीने से मृत्यु हुई है, जबकि सीवान में भी 5 लोगों की मौत हो गई है। वहीं बेगुसराय जिले में भी जहरीली शराब से 1 व्यक्ति की मौत हो गई है। बता दें कि बिहार में शराब पर पाबंदी है।