अलीबाग की अदालत में पहली बार
रात 11 बजे तक चली लंबी सुनवाई
पीसी लेने की योजना काम नहीं आई
सोशल मीडिया पर जारी रही ‘लड़ाई’
मुंबई-बुधवार को पत्रकार अर्णब गोस्वामी मामले में दिन भर चले हाई वोल्टेज ड्रामें में दिन भर सोशल मीडिया पर लोगों की गर्मागर्म प्रतिक्रियाओं का दौर चलता रहा. पुलिस, कानून और राजनैतिक नैतिकताओं पर तल्ख विचारों का आदान प्रदान होता रहा.
इस बीच रायगढ़ जिले के सत्र न्यायालय में एक अनोखा इतिहास जुड़ गया. पहली बार इस अदलात में शाम 6 बजे से शुरू हुई सुनावई रात 11 बजे तक चलती रही. अर्णब गोस्वामी को मुंबई से गिरफ्तारी के बाद अलीबाग की अदालत में पेश किया गया था। रायगढ़ पुलिस ने अर्णब के साथ फिरोज शेख और नितेश सारदा को भी आर्किटेक्ट अन्वय नाइक की आत्महत्या के लिए उसकाने के मामले में गिरफ्तार किया था।
मामला उस समय रोचक हो गया जब सरकारी वकील ने आगे की पूंछतांछ के लिए पीसी (पुलिस कस्टडी) की मांग की लेकिन विद्वान जज ने बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद अर्णब को पुलिस को देने की बजाए 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया। अलीबाग की अदालत के मुख्य न्यायाधीश के सामने अर्णब ने पुलिस पर पिटाई का आरोप लगाया। कोर्ट ने दोबारा मेडिकल जांच के बाद आरोप को खारिज कर दिया। इसके बाद अर्णब और दो अन्य आरोपियों को पुलिस हिरासत में लेने के लिए तर्क शुरू हुआ जो शाम छह बजे से रात 11 बजे तक चला।
इतिहास में यह पहली बार था जब अलीबाग की एक अदालत किसी मामले के लिए देर रात तक खुली थी। गोस्वामी की वकालत गौरव पारकर ने किया तो फिरोज शेख के लिए निहा राउत तथा नितेश सारदा के लिए सुशील पाटिल ने बहस की। सरकारी वकील के रूप में वकील रूपेश महाकाल ने मोर्चा संभाला।