बिल्डरों पर मनपा की सहूलियतों की बरसात
भाड़े की जमीन का पुनर्विकास करने में राहत
अधिकारियों, आर्किटेक्टों की बैठक में निर्णय
रियल्टी सेक्टर को तेजी देने की कवायद
मुंबई- कोरोना काल में रियल्टी सेक्टर में छाई मंदी को दूर कर उसे गति देने के लिए नई कवायद शुरू की गयी है. इसके तहत बिल्डरों पर सहूलियतों की बरसात की गयी है. विकासकों को भाड़े पर दी गई जमीनों का पुनर्विकास करते समय अब मनपा प्रशासन ने हफ्ते में शुल्क भरने की छूट दी है।
मनपा ने इस तरह बिल्डरों को और राहत देते हुए भाड़े पर दी गई जमीन का विकास करते समय कुछ प्रतिशत में दिए जाने वाले एरिया के साथ अब पैसे देने की भी छूट दी गयी है। विकासकों के लिए यह उन्हें दीपवाली का गिफ्ट दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि मनपा पहले भाड़े पर दिए गए भूखंड का पुनर्विकास करते समय प्रॉपर्टी शुल्क दो चरणों मे वसूल करती थी। कोरोना महामारी से परेशान बिल्डरों को राहत देने और मनपा के भूखंड का विकास तेजी से करने के लिए मनपा ने उन पर मेहरबानी की है. नई व्यवस्था के तहत अब बिल्डर पांच चरणों मे विकास शुल्क भर सकेंगे। मनपा प्रशासन ने बिल्डरों को राहत देते हुए इमारत की ऊंचाई के अनुसार पुनर्विकास पांच से 6 साल में पूरा करने को कहा है जिसके चलते शुल्क भरने में छूट दिए जाने की व्यवस्था लागू की गयी है। बिल्डरों को क्षेत्रफल और रेडिरेकनर के अनुसार शुल्क भरना पड़ेगा।
बिल्डरों और आर्किटेक्ट की मनपा अधिकारियों के साथ हुई बैठक में राहत् देने का निर्णय लिया गया। गौरतलब हो कि मुंबई में मनपा के लगभग 3 से 4 हजार भूखंड है जो कि भाड़े पर दिए गए है। यह सभी भूखंड 99 से लेकर 999 साल के लिए लीज पर दिया गया था, जिस पर बनी कई इमारतें जर्जर हो चुकी हैं. जिनका पुनर्विकास किया जाना जरूरी है। मनपा के लगभग 46 हजार 563 परिवार मनपा के भूखंड पर बनी इमारतों में भाड़े पर रह रहे है।
लीज पर दिए गए भूखंडों में अधिकांश भूखंड मुंबई के शहरी क्षेत्र में है जिसमें बीआईटी चाल सहित उपकर प्राप्त इमारतें भी शामिल है। इन इमारतों का पुनर्विकास, मनपा द्वारा तैयार किए गए 3034 के विकास प्रारूप के अनुसार किया जाना है जिसमे बिल्र्डर द्वारा विकास काम करते समय 25 प्रतिशत हिस्सा मनपा को देना अनिवार्य किया गया है। अब बिल्डरों से 25 प्रतिशत हिस्सा घर एवं दुकान में लेना अथवा उस कीमत के अनुसार शुल्क लेने का अधिकार मनपा आयुक्त पर छोड़ा गया है।
मनपा ने शुल्क अथवा 25 प्रतिशत विकास का हिस्सा देना दोनों का प्रस्ताव सुधार समिति में रखा है जिसके अनुसार बिल्र्डर को निर्णय लेना होगा कि उसे क्या करना है । मनपा सुधार समिति में दोनों प्रस्ताव पर निर्णय लिया जाना है।