कोरोना की दूसरी लहर-चाक चौबंद प्रशासन
आईसीयू में 37 तो वार्डों में 68 प्रतिशत बेड खाली
मुंबई-दिवाली के बाद शुरू हो रहे ठंडी के मौसम से, कोरोना के मद्देनजर सरकार सतर्क नजर आ रही है. सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने जनवरी-फरवरी में दूसरी लहर की संभावना जताई है। महाराष्ट्र में संकट की आशंका इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि राष्ट्रीय स्तर पर जहां कोविड-19 की मृत्यु दर 1.48 प्रतिशत है, वहीं महाराष्ट्र में यह 2.63 प्रतिशत है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बताया कि कोरोना को नियंत्रित करने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने टेस्टिंग से लेकर मास्क की कीमत तक को किफायती बनाया है। लोगों को ‘एसएमएस’ यानी सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और सैनिटाइजेशन का पालन करना होगा।
टोपे ने आगे कहा कि अगर महाराष्ट्र में कोरोना की दूसरी लहर आती है तो कोविड-19 संक्रमित मरीजों के लिए राज्य में उपलब्ध कुल बेड में से 80 फीसदी खाली हैं। जबकि मुंबई में 68 प्रतिशत बेड खाली पड़े हैं, इसलिए बेड की कमी नहीं होगी। प्रदेश में एक समय ऐसा आया था, जब 25 हजार कोरोना संक्रमित मरीज रोज बढ़ रहे थे। यदि कोविड के सेकेंड वेव में मरीजों की संख्या उससे 10-20 फीसदी बढ़ भी जाती है, तो हम इसके लिए तैयार हैं। राज्य सरकार इसके लिए जरूरी बेड, डॉक्टर, नर्सें और अन्य साधनों की व्यवस्था करने में जुटी हुई है।
आवश्यक वस्तुओं के स्टॉक पर जोर
स्वास्थ्य मंत्री टोपे के अनुसार स्वास्थ्य विभाग को दवाओं का स्टॉक बढ़ाने करने को कहा गया है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. रवि वानखेडकर भी मानते हैं कि महाराष्ट्र के कोविड सेंटर और अस्पतालों में ऑक्सीजन की सप्लाई अच्छी हो रही है। कई स्थानों पर लिक्विड ऑक्सीजन के प्लांट भी लग गए हैं। इसके अलावा पर्याप्त वेंटिलेटर भी हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि डॉक्टर, अस्पताल और मेडिकल स्टाफ को अब अच्छी तरह से समझ में आ गया है कि कोरोना के मरीजों का मैनेजमेंट किस तरह से करना चाहिए।
दुकानदार-दूध वालों लोगों की टेस्टिंग बढ़ेगी
कोरोना के इलाज में लगने वाली दवाओं का 50 प्रतिशत अतिरिक्त बफर स्टॉक रखने को कहा गया है। रोजाना 10 लाख जनसंख्या के पीछे कम से कम 140 लोगों की टेस्टिंग की जाएगी। जिला स्तर पर तैयार किए गए कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन बेड की संख्या बरकरार रखी जाए। जिन जिलों में 20 फीसदी से अधिक कोविड-19 के पेशेंट पाए जाएं, वहां के सभी कोविड अस्पताल पूर्ण क्षमता से कार्यरत रखे जाएं। जिन जिलों में 16-20 फीसदी कोरोना मरीज हों, वहां जिला अस्पताल में मल्टीस्पेशलिटी डॉक्टरों को तैनात किया जाए। जहां 11-15 फीसदी कोरोना मरीज हो, वहां उनकी मरीजों की संख्या से 20 फीसदी अधिक बेड की व्यवस्था रखी जाए। जिन जिलों में 7 फीसदी से कम कोरोना पेशेंट हों, वहां भी कोविड अस्पताल इलाज के लिए तैयार रखे जाएं। जिन जिलों में 7-10 फीसदी तक कोरोना पेशेंट हों, वहां की प्रत्येक तहसीलमें कोरोना के इलाज का अस्पताल हो।
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य निदेशालय ने किराना दुकानदार, साग-सब्जी एवं दूध विक्रेता, घरों में पेपर पहुंचाने वाले वेंडर, गैस सिलेंडर पहुंचाने वाले कर्मचारी, काम करने वाले नौकर-नौकरानी, होटलों के मालिक व उनके वेटर, ऑटो रिक्शा एवं टैक्सी चालकों, सिक्युरिटी गार्ड व मजदूरों की टेस्टिंग जारी रखने का निर्देश दिया है।
मुंबई में कोरोना मरीजों के लिए पर्याप्त बेड
मुंबई में कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए डेडिकेटेड कोविड-19 अस्पताल, डेडिकेटेड कोविड-19 हेल्थ सेंटर और कोविड-19 केयर सेंटर, टाइप-2 (सीसीसी-2) को मिलाकर कुल 17,707 बेड हैं। इसमें इस वक्त 68 फीसदी बेड रिक्त हैं। इसी तरह कुल 2,008 आईसीयू बेड में से इस वक्त 37.70 प्रतिशत यानी 757 बेड रिक्त हैं। मुंबई में 8,705 ऑक्सीन बेड हैं। इसमें से 66.84 फीसदी और 1,186 वेंटिलेटर बेड में से 29.85 फीसदी यानी 345 बेड खाली पड़े हैं।