बीजेपी के पूर्व विधायक संगीत सोम का विवादित बयान सामने आया है. संगीत सोम ने यह बयान वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर दिया है. उन्होंने कहा कि औरंगज़ेब जैसे लोगों ने ज्ञानवापी मस्जिद बनवाई थी. 92 में बाबरी और 22 में ज्ञानवापी की बारी है. आक्रांताओं ने मंदिर को तोड़कर जो मस्जिद खड़ा किया था उसे वापस लेने का समय आ गया है.
संगीत सोम ने यह बयान अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट भी किया है. बताया जा रहा है कि इसके पहले संगीत सोम ने मेरठ के ज्वालागढ़ चौराहे पर आयोजित महाराणा प्रताप के जयंती समारोह ऐसा ही बयान दिया था. उनके बयान का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है.
इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शरीक हुए बीजेपी के पूर्व विधायक संगीत सोम को इस वीडियो में कहते सुना जा सकता है, ‘उन्हें उस दिन समझ जाना चाहिए था कि जब वर्ष 1992 में एक खंडहर रूपी मस्जिद को ध्वस्त किया था. समझ जाना चाहिए कि देश किस तरफ जा रहा है. समझ जाना चाहिए था कि कारसेवकों ने इस मस्जिद को आज ध्वस्त किया है. अब हिंदुस्तान इस तरह की एक भी मस्जिद छोड़ने नहीं जा रहा है भाई.’
संगीत सोम कहते हैं कि रामलला वर्षों तिरपाल में रहे और एक दिन जब लोगों का बांध टूटा तो तथाकथित मस्जिद की एक भी ईंट का पता नहीं चला. वह कहते हैं, ‘वह 92 था… यह 22 है. औरंगजेब जैसे लोगों ने मंदिर तोड़कर ज्ञानवापी मस्जिद बनवा दी. अब मंदिर वापस लेने का समय आ गया है.’
उन्होंने कहा कि बनारस में भगवान काशीनाथ का मंदिर बनाया जाएगा. अब काशीनाथ मंदिर को उसी रूप में लेकर आया जाएगा. ज्ञानवापी मस्जिद को ध्वस्त कर भगवान भोलेनाथ का परिवार बसाकर संपूर्ण मंदिर बनाया जाएगा.
इस कार्यक्रम की तस्वीरें शेयर करते हुए संगीत सोम के ट्विटर हैंडल से भी लिखा गया है, ‘औरंगज़ेब जैसे लोगों ने ज्ञानवापी मस्जिद बनवा दी, 92 में बाबरी व 22 में ज्ञानवापी की बारी है. मुसलमान आक्रांताओं ने मंदिर को तोड़कर जिस मस्जिद को खड़ा किया था उसे वापस लेने का समय आ गया है.’ हालांकि सोम का यह हैंडल वेरिफाइड नहीं है.