जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे को शुक्रवार को एक अज्ञात हमलावर ने गोली मार दी। शिंजो की हालत गंभीर बताई जा रही है। जापानी मीडिया के मुताबिक, उनके बचने की उम्मीदें बेहद कम हैं। पूरी दुनिया में जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे लेकर प्रार्थना की जाने लगी.
जैसे ही यह खबर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कानों तक पहुंची तो उन्होंने एक ट्वीट किया. उन्होंने अपने ट्विटर वॉल पर लिखा कि मेरे प्रिय मित्र अबे शिंजो पर हुए हमले से बहुत दुखी हूं. हमारे विचार और प्रार्थनाएं उनके, उनके परिवार और जापान के लोगों के साथ हैं.
शिंजो आबे दुनिया के उन नेताओं में शामिल हैं, जिनके भारत से बेहद अच्छे संबंध हैं। खासकर पीएम मोदी और शिंजो आबे के बीच रिश्ता दोस्ताना है. अब तक वे कुल पांच बार भारत आ चुके हैं। पहली बार 2006 में वे तब भारत आए, जब वे जापान के चीफ कैबिनेट सेक्रेटरी थे। पहली बार प्रधानमंत्री बनने के बाद 2007 में उन्होंने भारत का दौरा किया। 2012 से 2020 के दौरान दूसरी बार प्रधानमंत्री रहते हुए वे तीन और बार भारत आए। वे पहले जापानी प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने भारत के इतने दौरे किए हैं।
प्रधानमंत्री रहते हुए शिंजो आबे भारत दौरे पर वाराणसी आए थे। यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें सैर कराई थी। शिंजो आबे ने पीएम मोदी के साथ गंगा आरती में शामिल हुए थे। उन्होंने दोस्ताना अंदाज में पीएम मोदी के साथ सेल्फी भी ली थी।
जापान के प्रधानमंत्री रहते हुए शिंजो आबे दिसंबर 2015 में भारत आए थे। शिंजो आबे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वाराणसी के मशहूर दशाश्वमेध घाट पहुंचे थे। यहां दोनों एक साथ गंगा आरती में शामिल हुए। इस दौरान वहां मौजूद लोगों ने ‘हर हर महादेव’ के नारे भी लगे।
जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे पीएम नरेंद्र मोदी के साथ दशाश्वमेध घाट पर करीब 45 मिनट तक रहे। इस दौरान वह भारतीय संस्कृति के रंग में रंगे नजर आए। उन्होंने आरती की और नदी में फूल भी समर्पित किए थे। इस दौरान शिंजो आबे का भारतीय संस्कृति और सभ्यता के प्रति स्नेह सभी ने देखा था।
तत्कालीन जापानी प्रधानमंत्री शिंजों की यह यात्रा भारत की विदेश नीति का अहम हिस्सा थी, जिसने दुनिया की महाशक्तियों को अपना अहसास दिलाया था। बनारस में हुए अभूतपूर्व स्वागत से शिंजो गदगद थे और देर तक खड़े रहकर लोगों का अभिवादन किया था। यही नहीं मोदी और शिंजो ने नदेसर पैलेस में अपने क्षेत्र के महारथी 68 खास लोगों से मुलाकात कर भविष्य की योजना का खाका भी खींचा था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे अपना दोस्त मानते हैं। वाराणसी प्रवास के दौरान शिंजो आबे ने पीएम मोदी को बेहद नजदीक से देखा और समझा। इसके बाद शिंजो आबे भारत से रवाना हुए थे तो उनके दोस्त यानी पीएम नरेंद्र मोदी ने भगवद् गीता भी भेंट की थी।
भारत-जापान की वर्षों से चली आ रही मैत्री के प्रतीक रुद्राक्ष कंवेंशन सेंटर की नींव 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने रखी थी। सेंटर को सांस्कृतिक व आधुनिक समागम के प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित किया गया है। 186 करोड़ की लागत से तैयार सेंटर शिवलिंग के आकार में निर्मित है।
शिंजो आबे की बात करें तो, उनकी गिनती जापान के पहले वैसे प्रधानमंत्री के तौर पर की जाती है जो 2014 में गणतंत्र दिवस के परेड में मुख्य अतिथि के तौर पर भारत पहुंचे थे. यह उनके भारत के साथ गहरे संबंध को दर्शाता है। उनकी मेजबानी एक ऐसी सरकार द्वारा की जा रही थी जो मई 2014 में चुनावों का सामना कर रही थी। पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे भारत के साथ अच्छे रिश्ते चाहते थे. यही वजह रही कि चाहे भारत में यूपीए की सरकार हो या एनडीए की, दोनों में ही जापान के साथ भारत के रिश्ते आगे बढ़ते चले गये।
भारत और शिंजो आबे की नजदीकी
साल 2006 की बात करें तो इस वर्ष लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के आबे को प्रधानमंत्री चुना गया. वो साल 2007 तक देश के प्रधानमंत्री पद पर काबिज रहे. 2006-07 में अपने पहले कार्यकाल में, आबे भारत पहुंचे और संसद में उनका संबोधन हुआ। अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान, शिंजो आबे ने तीन बार (जनवरी 2014, दिसंबर 2015, सितंबर 2017) भारत का दौरा किया। ये दौरा किसी भी जापानी प्रधानमंत्री द्वारा किया गया सबसे अधिक भारत का दौरा था। शिंजो आबे के कार्यकाल के दौरान भारत- जापान ना केवल एक दूसरे के नजदीक आए बल्कि दोनों देशों के संबंधों ने कई मुकाम हासिल किये।