महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक अब 7 मार्च तक प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में रहेंगे। धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत 23 फरवरी को गिरफ्तार किए जाने के बाद मंत्री को 3 मार्च तक ईडी की हिरासत में भेज दिया गया था। उनको मुंबई की विशेष अदालत में पेश किया गया था।
महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक पर ईडी का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है। पहले ईडी ने कुर्ला की तीन एकड़ जमीन की सौदेबाजी में हुई मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में मलिक को गिरफ्तार किया। अब ईडी ने उनकी मुंबई के बीकेसी में एक अन्य प्रॉपर्टी को भी खोज निकाला है।
जानकारी के मुताबिक यह प्लॉट तकरीबन 200 करोड़ रुपए का है। ईडी सूत्रों की माने तो नवाब मलिक के बेटे फराज की टचवुड रियल स्टेट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी 25 फ़ीसदी की हिस्सेदारी है और यह प्लॉट उसी से संबंधित है।
मनी लांड्रिंग में गिरफ्तार मलिक
प्रवर्तन निदेशालय ने महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक को दाऊद इब्राहिम मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया है। उन्हें 3 मार्च तक ईडी की हिरासत में भेजा गया है। नवाब मलिक पर हसीना पारकर की एक जमीन को खरीदने का आरोप है।
आरोप यह भी है कि उन्होंने 300 करोड़ की जमीन को महज 55 लाख रुपए में खरीदा। इस पूरे ट्रांजैक्शन में मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप मलिक पर लगा है। साथ ही अंडरवर्ल्ड और 1993 बम धमाकों के आरोपियों से संबंध रखने और प्रॉपर्टी खरीदने का भी आरोप है। ईडी ने मलिक पर टेरर फंडिंग का आरोप लगाया है।
अस्पताल में भर्ती थे नवाब मलिक
ईडी की कस्टडी के दौरान तबीयत बिगड़ने के बाद नवाब मलिक को मुंबई के जेजे अस्पताल में 25 फरवरी की शाम भर्ती करवाया गया था। हालांकि 28 तारीख को दोपहर में नवाब मलिक को स्वास्थ्य में सुधार के बाद वापस ईडी के दफ्तर लाया गया है। नवाब मलिक को पेट दर्द की शिकायत के बाद अस्पताल में एडमिट करवाया गया था। उनकी बहन सईदा खान के मुताबिक़ नवाब मलिक को डायबिटीज, हाइपरटेंशन, किडनी और लीवर संबंधित शिकायतें थीं।