कोरोना से 5 दिनों में 5 की मौत
मुंबई-यदि मुंबई की लाइफलाइन बेस्ट को माना जाता है तो प्रदेश की लाइफलाइन से कम एसटी बसें भी नहीं है. क्योंकि महाराष्ट्र के कोकण समेत विभिन्न भागों में एसटी बसें ही आवागमन का मुख्य साधन है. कोरोना काल में एसटी कर्मचारी इस समय दोहरी मार झेल रहे हैं। अभी तक अगस्त और सितंबर महीने का वेतन इन्हे नहीं मिला है। इसके कारण एक ओर जहां कर्मचारियों के सामने आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है तो वहीं दूसरी ओर इन्हे कोरोना संक्रमण से भी जूझना पड़ रहा है. कर्मचारियों और उनके परिवार को अन्य खर्चों के लिए भी धन की आवश्यकता होती है। कोरोना के कारण अब तक 72 एसटी कर्मचारियों की मौत हो चुकी है, जबकि पिछले पांच दिनों में पांच कर्मचारियों की मौत हुई है। अब तक एसटी के 2,110 कर्मचारी कोरोना से प्रभावित हुए हैं।
एसटी के एक लाख से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों को जुलाई से सितंबर तक का वेतन नहीं दिया गया था। जुलाई महीने में राज्य सरकार से निधि मिलने के बाद कर्मचारियों को 7 अक्टूबर को आंशिक भुगतान किया गया था।परिवहन मंत्री अनिल परब ने आश्वासन दिया था कि अगले वेतन और बकाया के लिए राज्य सरकार के साथ चर्चा करके जल्द ही वेतन का भुगतान किया जाएगा। लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण उन्हें पिछले सप्ताह अस्पताल में भर्ती कराया गया था. शनिवार को डिस्चार्ज के बाद वे घर पर क्वारंटीन हैं. जबकि एसटी के प्रबंध निदेशक शेखर चन्ने बिहार में चुनाव पर्यवेक्षक के रूप में गए हैं। ऐसे में सवाल यह है कि दोनों की अनुपलब्धता के कारण वित्तीय कठिनाइयों का सामना कर रहे कर्मचारियों का वेतन दिवाली से पहले मिल पाएगा कि नहीं। एसटी की सेवा सुचारु रूप से बनाए रखने के लिए ड्राइवर और कंडक्टर सहित सभी कर्मचारी ड्यूटी पर तैनात हैं।