एपीएमसी कानून के बदलाव के पक्ष में थे शरद पवार
पवार का पत्र सार्वजनिक होने से चरित्र हुआ उजागर-फडणवीस
मुंबई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानून को लेकर राज्य की महाविकास आघाड़ी सरकार दोहरी भूमिका निभा रही है। कानून का दुष्प्रचार करने वाले विपक्ष का साथ किसान कभी नहीं देगा। यह बात भाजपा प्रदेश कार्यालय में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और विधान सभा में नेता विपक्ष देवेंद्र फड़नवीस (Devendra Fadnavis) ने कही।
विपक्ष पर निशाना साधते हुए फड़नवीस ने कहा कि साल 2010 में केंद्र की तत्कालीन यूपीए सरकार में कृषि मंत्री रहे शरद पवार ने देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर एपीएमसी कानून में बड़ा बदलाव करने की आवश्यकता बताई थी। पवार पर तंज कसते हुए पूर्व सीएम ने कहा कि अब शरद पवार का आत्मचरित्र जगजाहिर हो चुका है।
फड़नवीस ने शरद पवार(Sharad Pawar) द्वारा मुख्यमंत्रियों को लिखे गए पत्र को मीडिया के समक्ष पढ़कर सुनाते हुए कहा कि पवार ने अपने लिखे गए पत्र में कहा था कि देश की दर साल 55 हजार करोड़ रुपए का अनाज का नुकसान इसलिए होता है क्योंकि किसानों को मजबूरन एपीएमसी में अपना अनाज बेचना पड़ता है। इसलिए एपीएमसी कानून में बदलाव की आवश्यकता है।
फड़नवीस ने कहा कि पवार द्वारा लिखा गया यह पत्र सार्वजनिक होने के बाद उनका दोहरा चरित्र जनता को सामने दिखाई पड़ रहा है। शिवसेना पर हमला बोलते हुए पूर्व सीएम ने कहा कि पवार के इस पत्र का समर्थन करते हुए शिवसेना ने भाजी और सब्जी को एपीएमसी नियम से मुक्त करने की बात किया था, जो मौजूदा कृषि कानून में लागू है।
कृषि कानून पर महाविकास आघाडी सरकार की दोहरी भूमिका का विश्लेषण करते हुए फड़नवीस ने कहा कि एपीएमसी में किसानों के साथ हो रहे अन्याय को रोकने और इसका मार्ग निकालने के लिए शिवसेना सांसद विनायक राउत ने चर्चा की थी। विपक्ष को कटघरे में खड़ा करते हुए फड़नवीस ने कहा यह कृषि कानून का नहीं बल्कि विरोधक का विरोध हो रहा है।
विपक्षियों का भारत बंद का समर्थन करना मतलब बहती गंगा में हाथ धोने जैसा है। उन्होंने कहा कि पिछले कई वर्षो से राज्य में यह कानून लागू है। मुझे ऐसा लगता है कि मोदी सरकार का विरोध करने के लिए विपक्ष किसानों के कंधों का इस्तेमाल कर रहा है, और राज्य ही नहीं पूरे देश में अराजकता का वातावरण निर्माण किया जा रहा है।
विपक्ष का किसान प्रेम सिर्फ दिखावा-केशव उपाध्ये
कृषि कानून को लेकर किसानों द्वारा बुलाए गए भारत बंद का कई राजनीति पार्टियों ने समर्थन किया है। इसमें राज्य की सत्ताधारी शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस भी शामिल है। सत्ताधारी पार्टी पर निशाना साधते हुए भाजपा प्रदेश के मुख्य प्रवक्ता केशव उपाध्ये (Keshav upadhye) ने कहा कि सत्ता में शामिल तीनों पार्टियों का किसानों के प्रति यह प्रेम असली नहीं बल्कि सिर्फ दिखावा है।
ट्वीटर(Twitter) के माध्यम से विपक्ष पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस, शिवसेना और राकांपा का भारत बंद का समर्थन करना किसानों के नाम पर भाजपा और केंद्र सरकार का विरोध करना है, न कि किसानों के हित में समर्थन देना है। उपाध्ये ने कहा कि मुख्यमंत्री की शपथ लेने से पहले बांध पर जाने का वादा करने वाले उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने महाराष्ट्र में किसानों को पर्याप्त मदद नहीं दी है। दूध किसानों को उचित दाम नहीं मिले हैं।