नई दिल्ली, 22 फरवरी (हि.स.)। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ एक और मामले में गृह मंत्रालय ने केस दर्ज करने की मंजूरी दे दी है। शराब घोटाले के बाद अब जासूसी मामले में सिसोदिया की मुसीबतें बढ़ सकती है।
दिल्ली सरकार की तरफ से गठित फीडबैक यूनिट की स्थापना व यूनिट के जरिए राजनीतिक जासूसी व अन्य बेजा इस्तेमाल की शिकायत मिलने के बाद सीबीआई ने मनीष सिसोदिया समेत अन्य के खिलाफ मामला चलाने की अनुमति मांगी थी।
उपराज्यपाल (एलजी) विनय कुमार सक्सेना ने गत महीने ही इसकी मंजूरी दे दी और आगे की स्वीकृति के लिए फाइल गृह मंत्रालय को भेजी थी। अब गृह मंत्रालय ने भी सीबीआई को मामला दर्ज करने की मंजूरी दे दी है।
दरअसल, दिल्ली सरकार ने फरवरी 2016 में फीडबैक यूनिट का गठन किया था। तब इसमें 20 अधिकारियों के साथ काम करना शुरू किया था। आरोप है कि फीडबैक यूनिट में फरवरी से सितंबर 2016 तक राजनीतिक विरोधियों की जासूसी की। फीडबैक यूनिट में सिर्फ भाजपा नेताओं की ही नहीं बल्कि आप से जुड़े नेताओं पर भी नजर रखी।
फीडबैक यूनिट शुरू करने के लिए उपराज्यपाल से कोई अनुमति नहीं ली गई थी। आरोप है कि यूनिट में सरकार की योजनाओं आदि से जुड़े कार्यों के अलावा राजनीतिक खुफिया जानकारी भी इकट्ठा की। सीबीआई को शुरुआती जांच में सबूत मिले, जिसके बाद आगे की कार्रवाई के लिए 12 जनवरी 2023 को एलजी को रिपोर्ट भेजी गई थी।
जानकारी के अनुसार एक शिकायत पर सीबीआई की ओर से प्रारंभिक जांच में दावा किया गया कि फीडबैक यूनिट के जरिए आम आदमी पार्टी सरकार राजनीति खुफिया जानकारी भी एकत्र कर रही है। सीबीआई ने 12 जनवरी 2023 को सतर्कता विभाग को एक रिपोर्ट सौंपी, जिसमें मनीष सिसोदिया के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज करने के लिए एलजी की मंजूरी मांगी थी। जिसे मंजूरी दे दी है।
सीबीआई ने मनीष सिसोदिया के अलावा पूर्व विजिलेंस डायरेक्टर आरके सिन्हा, दिल्ली सरकार के फीडबैक यूनिट के अधिकारी प्रदीप कुमार पुंज और सतीश व मुख्यमंत्री के सलाहकार गोपाल मोहन के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए मंजूरी मांगी थी, जिस पर आगे की कार्रवाई के लिए मंत्रालय से मंजूरी मिल गई है।
इधर सिसोदिया के खिलाफ भ्रष्टाचार के एक और मामले पर मामला चलाने की मंजूरी मिलते ही भाजपा नेता हरीश खुराना ने हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि दिल्ली के मनीष सिसोदिया के खिलाफ यह चौथा मामला है, जिसमें वे भ्रष्टाचार में लिप्त पाए गए हैं। इन्हें अपने पद पर रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
उल्लेखनीय है कि उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने जनवरी महीने में सीबीआई को मनीष सिसोदिया के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2018 के तहत केस दर्ज करने की मंजूरी दी थी। साथ ही इस यूनिट के अन्य अधिकारियों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई को लेकर गृह मंत्रालय को उपराज्यपाल ने पत्र लिखा था। अब मंत्रालय ने सिसोदिया के खिलाफ मुकदमा चलाने की इजाजत दे दी है।